नोटबंदी के बाद भी पुलिसवाले ने पैसे देकर बचाया लड़की परिवार का सम्मान, नहीं तो टूट जाती बहन की विदाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सांसद भी जिस बच्चे की पूरी मदद नहीं कर पाये थे उस रोते हुए बच्चे को सम्मान एक पुलिस के दारोगा ने बचाया। वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर पैसों के लिए रो रहे बच्चे के सम्मान की रक्षा एक दरोगा ने की। यदि दरोगा बच्चे को पैसा नहीं देता तो उसकी बहन की शादी भी टूट सकती थी।

बच्चे ने पैसे के लिए खुब मेहनत की थी लेकिन हर बार असफल हो गयाउसके लिए दरोगा ही भगवान साबित हुआ।बाबतपुर हवाई अड्डे के करखियांव गांव का निवासी सूरज पैसों के लिए बहुत परेशान था। उसे बहन की शादी होनी थी लेकिन छोटे भाई के पास पैसा नहीं था। सूरज ने बाबतपुर हवाई अड्डे के एटीएम से पैसा निकलाने पहुंचा था। हवाई अड्डे पर जाने के लिए सूरज ने 45 रुपये का टिकट खरीदा था इसके बाद वह लाइन में लग गया। सूरज की किस्मत खराब थी और जब तक एटीएम में उसका नम्बर आता, तब तक पैसा खत्म हो चुका था। इसके बाद वह निराश होकर हवाई अड्डे से बाहर आ गया और एटीएम में फिर से पैसा डालने का इंतजान करने लगा। सूरज को पता चला कि एटीएम में पैसा डाला चुका है। इसके बाद वह फिर से हवाई अड्डे में अंदर जाने लगा तो उसके पास इंट्री टिकट के लिए पैसे नहीं थे।

सूरज ने सीआईएसएफ के जवान की सारी स्थिति बतायी तो जवान ने अपने पैसे देकर उसका इंट्री टिकट दिलवाया। इसके बाद सूरज फिर से लाइन में लग गया। सूरज की किस्मत एक बार फिर दगा दे गयी और जब तक एटीएम में उसका नम्बर आता, तब तक फिर से पैसा खत्म हो गया था। पैसा नहीं मिलने से घबराया हुआ सूरज टर्मिनल भवन के बाहर पार्किंग एरिया में बैठ कर रोने लगा। इसी बीच कई लोग वहां पहुंचे तो सूरज ने अपनी समस्या बतायी। लोगों ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी यहां से गाजीपुर गये है और उनके स्वागत के लिए बीजेपी के कई नेता आये हैं आप उनसे मिल लो तो समस्या का समाधान हो जायेगा। इसके बाद सूरज ने वहां मौजूद मछलीशहर से बीजेपी सांसद रामचरित्र निषाद से मिला तो उन्होंने सूरज का पास बनवा दिया और पैसे मिल जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद व्यस्तता के चलते सांसद नई दिल्ली रवाना हो गये। बाबतपुर हवाई अड्डे के अंदर जाकर सूरज फिर से एटीएम के पास इंतजार करने लगा। दो घंटे बीत जाने के बाद भी एटीएम से पैसा नहीं मिला तो सूरज यादव फिर से रोने लगा।


इसी बीच सीआईएसएफ के जवान फिर वहां पर आये और सूजर को चाय-नाश्ता कराया और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। इसी बीच कहानी की जानकारी बाबतपुर चौकी प्रभारी रामप्रीत यादव को हुई तो उन्होंने अपने घर खर्च के लिए निकाले हुए 2500 रुपये देकर सूरज का सम्मान बचाया। रामप्रीत यादव ने मानवती की मिसाल पेश करते हुए कहा कि घर जाओ और बहन की शादी व विदाई करो। इसमे और समस्या आती है तो फिर मदद बताना तुम्हारी सारी मदद होगी। चौकी इंचार्ज की इस दरियादिली की सभी ने खुल कर सरहाना की। लोगों ने कहा कि पुलिए ऐसे मदद करती रहे तो पुलिस और जनता के बीच की दूरी कम हो जाये





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