बरमूडा ट्राएंगल का राज : पानी का जहाज और हवाई जहाज निगलने वाले बरमूडा ट्राएंगल के रहस्य से उठा पर्दा

दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह, जिसका नाम है बरमूडा ट्रायंगल। ये वो इलाका है जिसके आस-पास से गुजरने वाली हर चीज़ रहस्यमय तरीक़े से अचानक ग़ायब हो जाती है। पानी का जहाज़ हो या हवाई जहाज़, बरमूडा ट्राएंगल के आस-पास जो भी गया, वो हमेशा के लिए ग़ायब हो गया।
ये पता नहीं चल पाया कि आखिर वहां ऐसा क्या है, ऐसी कौन सी ताकत है जो किसी भी चीज को पलक झपके ही निगल जाती है और किसी को भनक तक नहीं लगती। लेकिन हाल ही में नासा के सैटेलाइट ने धरती की कुछ ऐसी तस्वीरें खींची हैं जो बरमूडा ट्राएंगल के रहस्य से पर्दा हटा सकती हैं। इनमें अटलांटिक महासागर में स्थित बरमूडा ट्राएंगल के ऊपर मंडराते बादलों की भी तस्वीर है।
 बहामस और बरमूडा के बीच बादलों की तस्वीर देखने के बाद वैज्ञानिक चौंक गए। क्योंकि, बरमूडा ट्राएंगल पर मंडराने वाले कुछ बादल आम बादलों से पूरी तरह अलग थे। सैटेलाइट की तस्वीरों में साफ़ दिखा कि बरमूडा ट्राएंगल के ऊपर मंडराने वाले कुछ बादलों का आकार हेक्सागन यानी षटकोण जैसा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक आमतौर पर बादलों का आकार ऐसा नहीं होता है।


सैटैलाइट तस्वीरों में बरमुडा के पास छह भुजाओं वाले बादलों को देखकर वैज्ञानिक उत्साहित हो गए। सैटेलाइट की तस्वीर से पता चला की षटकोण जैसे दिखने वाले इन बादलों के नीचे 274 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तूफ़ानी हवाएं चल रही थीं। ये तूफ़ानी हवाएं आसमान में 45 फीट ऊंची लहर या बवंडर बनाती हैं। वैज्ञानिकों ने हवा के बवंडर की ताक़त देखते हुए इसे एयर बॉम्ब नाम दिया है।
एयर बॉम्ब यानी हवा से बना ऐसा बम जो रास्ते में आने वाली हर चीज़ को ध्वस्त कर देता है। उसका नामोनिशान मिटा देता है। हवा में बनने वाला ये एयर बॉम्ब नीचे आकर समुद्र से टकराता है। इसके चलते ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगती हैं। समुद्र में उठने वाली यही लहरें आस-पास मौजूद हर चीज़ को निगलने की ताक़त रखती हैं।
रहस्यमयी ताकतों से भरा ये बरमूडा ट्रायंगल 1609 में पहली बार तब चर्चा में आया। जब यहां से गुजर रहा अंग्रेज़ी जहाज द सी वेंचर्स अचानक ही ग़ायब हो गया। इसके बाद तो तमाम विमान और पानी के जहाज़ समुद्र के इस हिस्से में आने के बाद हमेशा के लिए लापता हो गए।




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